दोस्तों इस आर्टिकल में Garam masala ingredients in hindi list, साबुत गरम मसाला सामग्री, गरम मसाला बनाने की विधि के बारे में बताया गया है
आपने कभी सोचा है गरम मसाला भोजन को इतना स्वादिष्ट क्यों बनाता है अगर नहीं तो आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे भारतीय गरम मसाला क्या है? आज हम आपको गरम मसाले में क्या सामग्री प्रयोग होती हैं और उनके फायदे क्या है इनके बारे में बताएंगे
बाहर बाजार के गरम मसालों से घर का बना मसाला ज्यादा अच्छा होता है जो की हैल्थ के लिये भी सही है बाजार के मसालो में मिलावट की शंखा रहती है जिसके इस्तेमाल से हमें पेट से सम्बंधित बीमारिया होती है इसलिये सभी खड़े मसाले लाकर के आप घर में ही बड़ी आसानी से कोई भी मसाला तैयार कर सकती है।
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खुशबूदार गरम मसाला | Garam masala recipe in hindi | आयुर्वेदिक गरम मसाला रेसिपी
आमतौर पर खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है अक्सर स्वाद बढ़ाने के लिए रेसिपी के अंत में गरम मसाला डाला जाता है इसे तंदूरी मसाला भी कहते हैं क्योंकि ओवन में पकाने से पहले मीट के ऊपर लहसुन, प्याज, अदरक, लाल मिर्च और गरम मसाले का मिश्रण तैयार करके लगाया जाता है फिर इसे ओवन में पकाया जाता है।
तो आइए आज हम खुशबूदार गरम मसाला में कौन-कौन सी चीजों का उपयोग किया जाता है और इनके फायदे क्या क्या है इसके बारे में जानते है।
साबुत गरम मसाला सामग्री | Khada garam masala ingredients in hindi list |गरम मसाला लिस्ट इन हिंदी
- धनिया के बीज (Coriander seeds)
- जीरा (Cumin)
- काली मिर्च (Black pepper)
- जावित्री (Mace)
- छोटी इलायची और बड़ी इलायची (small cardamom large cardamom)
- तेजपत्ता (bay leaf)
- दालचीनी (cinnamon)
- लौंग (Clove)
- धनिया के बीज- धनिया के बीजों में पोषक तत्व और विटामिन ई की मात्रा पाए जाते हैं धनिया के बीज डायबिटीज मरीजों के लिए काफी लाभदायक है इसके साथ-साथ पाचन अर्थराइटिस, एनीमिया, ह्रदय रोग, मासिक धर्म तथा बालो के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है धनिया के बीज का उपयोग हम खड़े मसाले और पीसे मसाले के रूप में करते हैं।
- जीरा – जीरा का उपयोग सब्जी, दालो में ज्यादातर चौका लगाने के लिए करते हैं इन्हें हम गर्म मसालों में भी उपयोग करते हैं इसके अलावा जीरा एक बेहतरीन और एंटीऑक्सीडेंट है यह सूजन को कम करता है मांसपेशियों को आराम हो जाता है इसमें फाइबर ले पाया जाता है और यह आयरन कॉपर कैल्शियम पोटेशियम मैग्नीज जिंगबॉक्स मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स पाया जाता है विटामिनस की मात्रा काफी होती है।
- काली मिर्च – भारतीय मसालों में काली मिर्च को आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर माना जाता है काली मिर्च का सेवन मसालों के साथ-साथ चाय और काढ़ा बनाने में भी किया जाता है यह सर्दी जुकाम में काफी फायदेमंद पहुंचाता है काली मिर्ची में विटामिन ए और बी के साथ-साथ नियासिन सोडियम पोटेशियम जैसी औषधि गुण पाए जाते हैं।
- जावित्री – अन्य मसालों की तरह जावित्री भी हर घर की रसोई में पाया जाता है यह मसाला हल्के पीले नारंगी सुनहरे रंग का होता है यह गरम मसालों में पाया जाता है यह तंत्रिका तंत्र और लीवर को भी सुरक्षा देने में कारगर होता है इसके अलावा पाचन तंत्र, डायबिटीज, दांतों के लिए, किडनी, सर्दी जुखाम, भूख बढ़ाने में और अर्थराइटिस में भी फायदेमंद होता है।
- बड़ी इलायची और छोटी इलायची- वैसे तो इलायची गर्म मसालों में आती है पर इलायची में दो तरह की होती है एक बड़ी इलायची जो सिर्फ मसालों में उपयोग की जाती है दूसरी हरी इलायची हरी छोटी इलायची यह मसालों के साथ-साथ चाय की और भी अन्य मीठी नमकीन पकवान में खुशबू और स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है यह खराश खांसी छाले एसिडिटी मुंह की दुर्गंध मुंह का इन्फेक्शन हिचकी को दूर करने में कारगर साबित होता है।
- तेजपत्ता- तेजपत्ता भी गरम मसालों के साथ उपयोग किया जाता है यह मसालेदार चीजों के बनने में उपयोग आता है इसका उपयोग खुशबू और स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है तेजपत्ता खाने से खासी, फ़्लू, ब्रोकइटिस, अस्थमा व इन्फलूएंजा जैसी सांसो से जुड़ी समस्या नहीं होती है।
- दालचीनी- दालचीनी का उपयोग भी गरम मसालों में और चाय, काढ़ा बनाने में किया जाता है दालचीनी के सेवन से हृदय रोगों से बचाव, सांस संबंधी समस्या, कोलेस्ट्रोल की समस्या, पीरियड पेन और शरीर दर्द जैसी समस्या में राहत मिलती है।
- लौंग- इसका उपयोग भी मसालो के साथ साथ चाय, काढ़ा बनाने में किया जाता है यह पूजा में भी काम आता है इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होता है जो संक्रमित बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता हैवहीं, लौंग खाने से दांत का दर्द भी दूर होता है। नाक में जलन से राहत दिलाने में लौंग बहुत फायदेमंद है। लौंग एंटीसेप्टिक है इसलिए ये मुहासों से भी राहत दिलाता है। लौंग के तेल में एंटी-माइक्रोबियल होती हैं। यह आपकी इम्यूनिटी बढ़ाकर इंफेक्शन और सर्दी-जुकाम से आपकी रक्षा करता है।
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घर पर गरम मसाला बनाने की विधि | Garam masala banane ki vidhi hindi mein
- सबसे पहले हम इन सभी मसालों को एक-एक करके अलग-अलग एक पैन में भून कर निकाल लेंगे
- तेजपत्ता को छोड़कर तेजपत्ता नहीं पीसेंगे
- फिर सारे मसालों को एक मिक्सी जार में डाल कर सूखा ही पीस लेगे
- पीसनें के बाद इसे जार से निकाल कर एक बाउल के ऊपर छलनी रख कर उसमे सारे मसालो को डाल कर छान लेगे
- ऐसा इसलिए करेंगे क्युकि जो महीन पाउडर जैसा मसाला होता है वो बाउल में निकल जायेगा और मोटा मसाला छलनी में रह जायेगा
आप चाहें तो उसे वापस से मिक्स में डाल कृपिस सकते है नही तो उसे अलग रख ले और खड़े मसलो की जगह उपयोग कर सकते है और बाउल वाला मसाला रोजाना इस्तेमाल के लिए एक हवादर जार में स्टोर करके रख देंगे।
गरम मसाला से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल
गरम मसाला का दूसरा नाम क्या है?
गरम मसाले को दक्षिण में काली मिर्च, लौंग, बड़ी इलायची, जायफल एवं हरी इलायची के साथ बनाया जाता है हालांकि इनके अलावा भी अन्य जगहों पर अलग-अलग प्रकार के गरम मसालों को तैयार किया जाता है पर इसका कोई दूसरा नाम नही है ।
गरम मसाला किस चीज से बनता है?
गरम मसालो में कुछ खड़े मसालो को मिला कर बनता है वो सभी सामग्री निम्न है –
धनिया के बीज (Coriander seeds)
जीरा (Cumin)
काली मिर्च (Black pepper)
जावित्री (Mace)
छोटी इलायची और बड़ी इलायची (small cardamom large cardamom)
तेजपत्ता (bay leaf)
दालचीनी (cinnamon)
गरम मसाला में कितने आइटम होते हैं?
गरम मसलो में कुल 7-8 आइटम होते है जैसे लौंग, जीरा, दालचीनी, तेज़पत्ता, छोटी इलायची और बड़ी इलायची, धनिया के बीज, जावित्री आदि से गरम मसाला तैयार किया जाता है।
गरम मसाला आखिर में क्यों डाला जाता है?
गरम मसाले को डिश तैयार होने के बाद गैस बंद करनें के 1 मिनट पहले डाला जाता है। इसको खाना बनने के आखिर में इसलिए डाला जाता है क्योंकि इसको खाना स्वादिष्ट बनाने वाले पदार्थ की तरह इस्तेमाल किया जाता है। जिससे यह खाने में खुशबू और फ्लेवर लाने में मदद करता है।