इस आर्टिकल में हम Maida kaise banta hai, मैदा रेसिपी इन हिंदी, Maida kisse banta hai, मैदे के फायदे, नुकसान, How to digest maida fast आदि के बारे में विस्तार से बात करेंगे तथा मैदे के कुछ और तथ्य भी बताएंगे।
भारत तथा कई अन्य देशों में तरह तरह के खाद्य पदार्थ एवं व्यंजन बनाने के लिए जिस आइटम का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है वो है मैदा, चाहे वो भारतीय व्यंजन जैसे की समोसा, खस्ता, भटूरा इत्यादि हो या फिर मोमोज, चाउमीन, पास्ता इत्यादि की तरह चाइनीज फूड, मैदा का प्रयोग हर जगह है।
तो चलिए जानते है की (maida kaise banta hai) मैदा कैसे बनता है
Contents
- 1 Maida kaise banta hai | मैदा कैसे बनता है
- 2 Maida kisse banta hai | मैदा किससे बनता है
- 3 Factory me maida kaise banta hai | फैक्ट्री में मैदा कैसे बनता है
- 4 घर पर मैदा कैसे बनाये | Ghar par maida kaise banaen | घर में मैदा कैसे बनता है | Ghar me maida kaise banta hai
- 5 Difference between maida and atta | मैदा और आटा में अंतर
- 6 Maida ko english mein kya kahate hain | मैदा को इंग्लिश में क्या कहते हैं ?
- 7 Maida khane ke nuksan | मैदा खाने के नुकसान
- 8 How to digest maida fast in hindi | मैदा जल्दी कैसे पचाएं
- 9 मैदे की रेसिपी | Maida recipe in hindi
- 10 मैदा से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल
Maida kaise banta hai | मैदा कैसे बनता है
दोस्तों अगर हम संक्षेप में बताये तो मैदा गेहूं को प्रोसेस कर के बनाया जाता है जिसकी बारे में हमने इस आर्टिकल में आगे विस्तार में अगले पैराग्राफ में बताया है
Maida kisse banta hai | मैदा किससे बनता है
दोस्तों यह बात तो mostly लोगों को पता ही होगी की maida kis chij ka banta hai तथा maida kaise banta hai पर फिर भी हम बता दें कि मैदा गेहूं से बनता है जी हाँ आटा, मैदा, सूजी (रवा) एवं दलिया आदि सभी गेहूं से बनते है बस सभी को बनाने को प्रोसेस अलग अलग होता है जैसे की आटा बनाने के लिए गेहूं को साबुत ही पीस दिया ज्यादा है जिसकी प्रक्रिया आपने किसी आटा चक्की में जरुर देखी होगी
उसी प्रकार दलिया बनाने की प्रक्रिया भी लगभग आटा बनाने की प्रक्रिया के जैसी ही होती है आटे के लिए गेहू की बहुत ही बारीक पिसाई की जाती है तो वहीं दलिया बनाने के लिए गेहूं को थोडा मोटा पीसा जाता है जिससे वो दानेदार तथा रहे आटा तथा दलिया दोनों को ही बनाने की प्रक्रिया में गेहूं के उपर की पीली परत नही हटाई जाती है जिससे उसके पौष्टिक गुण खतम नही होते तथा फाइबर भी प्रचुर मात्रा में मौजूद रहता है
सूजी (रवा) – दोस्तों सूजी भी गेहूं से ही बनती है बस इसको बनाने की प्रक्रिया आटा और दलिया से थोड़ी अलग होती है और घर पर या चक्की में बनाना इतना आसान नहीं है सूजी को अंग्रेजी में semolina भी कहा जाता है इसको बनाने के प्रोसेस में सबसे पहले मील में गेहू को अच्छे तरीके से साफ किया जाता है उसके बाद उसको सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है
फिर उसके बाद मशीन की सहायता से गेहूं की उपरी पीली परत को हटा दिया दिया जाता है फिर उसको हल्का दानेदार पीस लिया जाता है और इन्ही बारीक दानो को सूजी या रवा कहा जाता है
दोस्तों अब हम बात विस्तार में बतायेंगे की फैक्ट्री में मैदा कैसे बनता है, तो अगले पैराग्राफ को ध्यान से पढ़ें
Factory me maida kaise banta hai | फैक्ट्री में मैदा कैसे बनता है
जैसा कि हमने अभी बात की की मैदा गेहूं से बनाया है पर इसको बनाने का प्रोसेस इतना आसान नही है यह बड़े पैमाने में फैक्ट्रियों में बनता है गेहूं को बहुत ही जटिल तरह से प्रोसेस करने के बाद उसके ऊपर की लेयर हटा दी जाती है तथा उसमे फाइबर की मात्रा भी लगभग खत्म हो जाती है अब हम स्टेप by स्टेप मैदा बनाने के प्रोसेस के बारे में बात करेंगे
- गेहूं के 3 भाग होते हैं सबसे उपरी सतह जिसका नाम bran (चोकर या भूसी) होता है, बीच का भाग endosperm तथा सबसे अंदरूनी भाग germ होता है, तो मैदा बीच वाले भाग अर्थात endosperm से बनाया जाता है जो की पुरे गेहूं का 80% भाग होता है
- सबसे पहले अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं को मिल में साफ़ किया जाता है
- फिर उसके बाद 12-15 घंटे तक इनको पानी में डुबाकर रखा जाता है
- इसके बाद गेहू को माध्यम तापमान पर गर्म किया जाता है
- भीगे हुए गेहूं के दानो को गर्म करने के कारण उनकी उपरी पीली सतह (bran) सूखने लगती है परन्तु बीच वाले हिस्से (endosperm) में अभी भी नमी बाकी रहती है
- फिर इनको क्रशर (फोड़ने वाली मशीन) में डाला जाता है जिससे bran और endosperm अलग अलग हो जाते हैं
- इसके बाद endosperm को रोलर में डालकर बारीक पीस लिया जाता है जिससे लगभग मैदा बनकर तैयार हो जाता है पर अभी इसका रंग हल्का पीला होता है
- मैदा के पीलेपन को ख़तम करने तथा इसको बिलकुल सफ़ेद बनाने के लिए इसको Benzoyl peroxide और Alloxan नामक केमिकल के साथ ब्लीच (रंग उड़ाने की प्रक्रिया) किया जाता है जिससे यह बिलकुल सफ़ेद रंग का हो जाता है
तो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं की आपको Maida kaise banta hai तथा Maida kisse banta hai के बारे में बिकुल सटीक एवं संतोषजनक जानकारी मिल गयी होगी तो इसी बात पर इस जानकारी के लिए इस आर्टिकल के लिंक को अपने दोस्तों तथा अपने social media (फेसबुक) आदि में शेयर करें 🙏🙏
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घर पर मैदा कैसे बनाये | Ghar par maida kaise banaen | घर में मैदा कैसे बनता है | Ghar me maida kaise banta hai
घर पर मैदा बनाने के लिए कृपया निम्नलिखित स्टेप्स का पालन करें और मैदा बनाने का तरीका जानें:
स्टेप 1: गेहूं को साफ करें और सभी अनाजों को अलग-अलग निकाल लें।
स्टेप 2: गेहूं को 2-3 बार अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें।
स्टेप 3: गेहूं को एक बाल्टी में डालकर पानी डाल दीजिए। इसके बाद गेहूं को 10-15 मिनट तक पानी में भिगो दीजिए।
स्टेप 4: गेहूं को पानी से निकालकर एक साफ कपड़े में डाल दीजिए। कपड़े के दूसरे कोने को पकड़कर गेहूं को अच्छी तरह से निचोड़ दीजिए।
स्टेप 5: अब इस गेहूं को एक चक्की में डाल दीजिए और उसमें पानी डालकर अच्छी तरह से गूंथ लीजिए।
स्टेप 6: गूंदे हुए गेहूं को एक बर्तन में डालकर उसे छान लीजिए, ताकि बड़े बड़े कण का आटा छूट जाए।
स्टेप 7: अब गेहूं के छिलके को अलग कर दीजिए और आटे को एक साफ बर्तन में रख दीजिए।
आपका मैदा तैयार है।
Difference between maida and atta | मैदा और आटा में अंतर
- मैदा गेहूं से बनाया जाने वाला एक प्रोसेस्ड पदार्थ होता है वहीं आटा भी गेहूं से बनता है पर यह पूरा अन्न होता है इसको प्रोसेस नही किया जाता
- मैदा में फाइबर मौजूद नही होता परन्तु आटा में प्रचुर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है
- मैदा का रोजाना सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है पर आटे बनी रोटियों का सेवन हम रोजाना कर सकते हैं
- मैदा का रंग बिलकुल सफ़ेद होता है वहीं आटा का रंग थोडा पीला होता है
Maida ko english mein kya kahate hain | मैदा को इंग्लिश में क्या कहते हैं ?
मैदा को english me रिफाइंड व्हीट फ्लोर (refined wheat flour) कहा जाता है क्युकी यह एक प्रकार से गेहूं का ही आटा होता है (wheat flour)
जिसको मिल में रिफाइंड किया जाता है
Maida khane ke nuksan | मैदा खाने के नुकसान
दोस्तों ज्यादा मैदा खाना हमारे लिए नुकसान देह है ये बात तो हम सब बचपन से सुनते आ रहे हैं पर आज हम जानेंगे की मैदा खाने के नुकसान क्या क्या हैं
मैदा एक प्रोसेस्ड पदार्थ है जिसको गेहूं को प्रोसेस करने के बाद बनाया जाता है इस प्रक्रिया में कई जरुरी चीज़े निकल जाती हैं
मैदा बनाने के प्रोसेस के दौरान से फाइबर की मात्रा बिलकुल ख़तम हो जाती है जिससे यह पाचन में समस्या पैदा करता है आंतो में चिपकता है और कब्ज जैसी समस्या पैदा करता है
नियमित मैदा का सेवन करने से कई गंभीर पेट की बीमारियाँ हो जाती हैं जिससे अन्य और बिमारियों का खतरा रहता है
- मोटापा और मधुमेह: मैदा खाने से शरीर में ज्यादा ग्लूकोज बनता है, जो आपके शरीर के इंसुलिन के स्तर को बढ़ा सकता है। इंसुलिन की कमी से, शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में दिक्कत हो सकती है और इससे आपको मधुमेह की शिकायत हो सकती है। मैदा में मौजूद प्रतिरोधक तत्वों के कारण शरीर के वजन को नियंत्रित करना भी मुश्किल होता है।
- पाचन तंत्र के लिए हानि: मैदा में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे पाचन तंत्र को काफी नुकसान होता है। यह आपको कब्ज, एसिडिटी और अन्य पाचन सम्बन्धी समस्याओं से ग्रस्त कर सकता है।
- सफेद मैदा अपने पोषक तत्वों को खो देता है: मैदा अधिकतर शरीर के लिए खतरनाक होता है क्योंकि इसमें शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं होते हैं। इसे खाने से शरीर को उन पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होते हैं।
- कैंसर का खतरा: मैदा का इस्तेमाल नियमित रूप से कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। मैदा में मौजूद कुछ तत्व शरीर के अंतर्गत कैंसर के विकास को प्रोत्साहित करते हैं। इसलिए इसे नियमित रूप से खाने से बचना चाहिए।
- विटामिन और मिनरल की कमी: मैदा में विटामिन और मिनरल की कमी होती है। इसलिए इसे नियमित रूप से खाने से आपको शरीर को उन विटामिन और मिनरल की जरूरत होगी, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होते हैं।
इसलिए, मैदा खाने से बचना चाहिए और अन्य अल्टरनेटिव अनाज जैसे कि जौ, बाजरा, गेहूं, रागी आदि का उपयोग करना चाहिए। इन अन्य अनाजों में विटामिन, मिनरल और फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।
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How to digest maida fast in hindi | मैदा जल्दी कैसे पचाएं
वैसे तो हमे मैदा से बनी हुई चीज़े avoid ही करनी चाहिए फिर भी यदि आप इससे बनी हुई खाद्य पदार्थों का सेवन करते है तो ध्यान रखे की इसके साथ भरपूर मात्रा में सलाद का सेवन करें जैसे खीरा, टमाटर, प्याज, पत्तागोभी इत्यादि क्युकी मैदा में फाइबर मौजूद नहीं होता है इसको बनाने के प्रोसेस में इसमें फाइबर की मात्रा बिलकुल खत्म कर दी जाती है और भोजन से प्रचुर मात्रा में फाइबर न होने पर आपको कब्ज (constipation) की समस्या हो सकती है
WHO (world health organization) द्वारा खाने में फाइबर की daily requirement 25-30 ग्राम है
इसलिए मैदा से बने हुए भोजन के साथ सलाद खाने से भोजन में फाइबर की पर्याप्त मात्रा हो जाती है क्योंकि खीरा, टमाटर आदि में फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
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मैदे की रेसिपी | Maida recipe in hindi
जैसा की हमने ऊपर बताया है की मैदा से बनी हुई चीज़े avoid ही करनी चाहिए ये हमारी सेहत के लिये अच्छा नही है पर अक्सर ऐसा होता है जो चीजे हमारी सेहत के लिये फायदेमंद नही होती है उसे हम ज्यादा ही पसंद से खाते है कभी-कभी थोड़ा बहुत खाने से कुछ नही होता है कभी-कदार थोड़ी बहुत हर चीज को टेस्ट करना चाहिए ऐसा करने से हमारे मुँह का स्वाद बदलता रहता है इसलिए बहुत ज्यादा मात्रा में नही खाये कभी-कदार थोड़ा बहुत स्नैक्स के रूप में खा सकते है।
तो आज हम आपके साथ मैदे की 2 रेसिपी शयर करेंगे जो हम घर पर कभी भी बना कर खा सकते है इसमें ज्यादा समय भी नही लगेगा।
- मैदा पापड़ी रेसिपी
- मैदा पूड़ी रेसिपी
मैदा पापड़ी रेसिपी | Maida ki papdi recipe in hindi #1
पतली खस्ता चटपटी पापड़ी किसको नही पसंद होंगी ये चाय के साथ खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगती है और बच्चे तो बड़े ही शौक से इसे खाते है और इसे ज्यादा दिनों के लिये स्टोर करके भी रख सकते है तो अगर आपको भी चाय के साथ स्नैक्स में कुछ अलग चाहिए तो इसे एक बार बना कर खा के देखिये उम्मीद है हमारी ये रेसिपी आपको पसंद आएगी तो बिना देर किये हम रेसिपी की सामग्री और विधि के बारे में बताते है।
मैदा पापड़ी को बनाने की सामग्री
मैदा = 1कप
सौंफ = 1 चम्मच
अजवाइन = 1 चम्मच
काली मिर्च पाउडर = ½ चम्मच
नमक = स्वादनुसार
तेल = छनने के लिए
मैदा पापड़ी बनाने के लिए
- मैदा पापड़ी बनाबे के लिए सबसे पहले हम एक बाउल में एक कप मैदा, सौंप, अजवाइन, काली मिर्च पाउडर, नमक डालकर मिक्स करेंगे।
- फिर इसमें एक चम्मच तेल डालकर मिक्स करेंगे।
- फिर इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर मैदे को गुदेंगे गूंदने के बाद इसे रोटी की तरह बेल लेंगे।
- फिर एक किनारी कट एक छोटी कटोरी या गिलास लेंगे और इससे कट करके छोटे-छोटे रोटी टुकड़े निकाल लेंगे।
- अब एक कांटे वाले चम्मच(Fork) की मदद से इस में छेद कर देंगे।
- फिर एक पैन में तेल गर्म होने के लिए गैस पर रखेंगे और तेल गर्म होने के बाद धीमी आंच करके इसमें पापड़ी डालकर गोल्डन ब्राउन होने तक चलेंगे।
- हम इसे अलटते-पलटते हुए दोनों साइड से फ्राई कर लेंगे।
- फिर एक प्लेट में निकाल कर हम इसे चाय के साथ या इसकी चाट पापड़ी बनाकर भी खा सकते हैं।
मैदा पूड़ी रेसिपी | Maida puri recipe in hindi #2
हमारे भारत में पूड़ी को किसी तीज-त्यौहार या कोई भी समारोह में पूड़ी ना बने ऐसा तो हो ही नही सकता पूड़ी तो उत्तर भारत के प्रसिद्ध व्यंजन में से एक है पूड़ी अनेक तरह से बनाई जाती है जैसे- आटे की पूड़ी, पालक पूड़ी, आलू की पूड़ी, चने की दाल की पूड़ी, सत्तू की पूड़ी, मुंगदाल की पूड़ी आदि बहुत से तरीके से बनाई जाती है पर आज हम आपके साथ मैदे की पूड़ी बनाने की रेसिपी शेयर करेंगे।
मैदा पूड़ी बनाने की सामग्री
मैदा = 1कप
गेहूं का आटा = 1 कप
नमक = स्वादनुसार
तेल = छनने के लिए
पानी = अवश्यक्तानुसार
मैदा पूड़ी बनाने की विधि
- एक बाउल में एक कप मैदा और एक कप गेहुं का आटा लेंगे और अब इसमें नमक और एक बड़ा चम्मच तेल डालकर मिक्स करेंगे।
- फिर इसमें अच्छे से मोयन देंगे और हल्का गुनगुना पानी थोड़ा-थोड़ा करके आटे में डाल कर अच्छे से मिक्स करके गुंदेंगे।
- गुंदने के बाद एक बड़ा चम्मच तेल डालकर मिक्स करेंगे और 15 से 20 मिनट के लिए ढककर रख देंगे।
- फिर हम इसकी गोल-गोल पूड़ीया बनाएंगे और एक कढ़ाही गैस पर गर्म होने के लिए रख देंगे।
- फिर इसमें फिर इसमें तेल डालकर गर्म करगे तेल गर्म होने के बाद हम इसमें पुड़ियां डाल कर हल्का ब्राउन करते हुए छानेंगे।
- फिर इसे एक प्लेट में निकाल कर छोले या किसी भी सब्जी, सलाद और अचार के साथ सर्व करेंगे।
मैदा से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल
मैदा बनाने की प्रक्रिया में शोधन (प्रोसेसिंग) के दौरान, गेहूं से लाभदायक फाइबर, विटामिन बी, आयरन एवं अन्य जरुरी पदार्थ नष्ट हो जाते है जिस कारण नियमित रूप से मैदा या सफेद आटे का सेवन करने वाले लोगों में वजन बढ़ने, मोटापा, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ जाता है ।
मैदा को इंग्लिश में रिफाइंड व्हीट फ्लोर कहा जाता है
मैदा गेहूं से बनता है गेहूं की उपरी सतह को हटाकर अन्दर के सफ़ेद भाग को बारीक़ पीसकर मैदा बनता है इसमें फाइबर (भूसी या चोकर) की मात्रा बिकुल ख़तम हो जाती है फाइबर ख़तम हो जाने से यह हमारे लिए प्रतिदिन सेवन करने पर हानिकारक साबित हो सकता है
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