इस आर्टिकल में आगरा का पेठा कैसे बनता है (Agra ka petha kaise banta hai), पेठा कैसे बनाया जाता है, पेठा बनाने की विधि (petha banane ki vidhi) एवं पेठे के फल की खेती के बारे में बताया गया है
पेठा मिठाई भारत में एक प्रमुख और पसंदीदा मिठाई है जिसे कुम्हड़ा से तैयार किया जाता है। इस मिठाई को विभिन्न रंगों और फ्लेवर्स में बनाया जाता है और यह खाने में गाढ़ा और मीठा होता है। पेठा की मधुरता, शुष्कता और बादामी स्वाद इसे एक विशेष मिठाई बनाती है।
कुम्हड़ा (Kumhada) एक फल है जो मुख्य रूप से भारत, दक्षिणी एशिया, और अन्य क्षेत्रों में पाया जाता है। यह फल उगायी जाने वाली बेल के पेड़ पर पलता है और मुख्य रूप से सब्जी और मिष्ठान के रूप में उपयोग होता है।
कुम्हड़ा का आकार विभिन्न हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह विशाल और लंबवत फल होता है, जिसकी लंबाई 1 से 2 फीट तक हो सकती है। इसकी खाल मोटी होती है और हरा या हल्का सफेद रंग की होती है।
कुम्हड़ा की मधुर और क्रीमी स्वादिष्टता के कारण इसे खाने के लिए अनुकरणीय बनाया जाता है। इसका बीज, गोंद और मांस का भी प्रयोग किया जाता है।
कुम्हड़ा फल आहार में उच्च पानी की मात्रा, विटामिन सी, विटामिन बी, पोटैशियम, फाइबर और फोलेट प्रदान करता है। यह कम कैलोरी और उच्च पोषक तत्वों का स्रोत है। इसका सेवन पाचन प्रणाली को स्वस्थ रखने, ताजगी और ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।
कुम्हड़ा को ताजे या पके हालत में खाया जा सकता है, जैसे कि सब्जी, कच्ची या पकी हुई मिठाई या रेसिपी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे भुना, पकोड़े, हलवा, करी और सूप जैसे विभिन्न विधियों में तैयार किया जाता है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बतायेगे कि पेठा क्या होता है और (petha kaise banta hai) पेठा कैसे बनता है।
Contents
- 1 पेठा (कुम्हड़ा) की खेती
- 2 पेठा कैसे बनता है | Petha kaise banta hai
- 3 पेठा बनाने का तरीका | Petha banane ka tarika
- 4 आगरा का पेठा कैसे बनता है | Agra ka petha kaise banta hai
- 5 कद्दू का पेठा कैसे बनाएं
- 6 पेठा और कद्दू में अंतर
- 7 लौकी का पेठा कैसे बनाएं | Lauki ka petha kaise banta hai
- 8 पेठा फल कहां मिलता है
- 9 पेठे का व्यापार
- 10 पेठा से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल
पेठा (कुम्हड़ा) की खेती
पेठा (कुम्हड़ा) की खेती भारत सहित कई देशों में की जाती है, लेकिन भारत में इसकी खेती अधिकतर की जाती है। इसे उष्णकटिबंधीय और मध्यकटिबंधीय मौसम की प्राथमिकता होती है।
पेठा की खेती के लिए अच्छी और उपयुक्त मिट्टी की आवश्यकता होती है। यह मिट्टी उपजाऊ होनी चाहिए, जिसमें पानी निचले स्तर पर नहीं जमा रहता है। अच्छी ड्रेनेज वाली मिट्टी पेठा के लिए उपयुक्त होती है।
पेठा के बीजों को उगाने से पहले, मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार किया जाना चाहिए। बीजों को ध्यान से रोपित करके उगाना चाहिए और उगाने के बाद उन्हें नियमित रूप से पानी देना चाहिए। पेठा के पौधों की संयंत्रना की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें उचित दूरी पर रोपित करना चाहिए।
पेठा की खेती के लिए उपयुक्त उचित जलवायु की चिंता की जानी चाहिए। इसे अच्छी रोपण और पोषण प्रदान करने के लिए नियमित रूप से खाद देनी चाहिए।
पेठा के पौधों को सुरक्षा और संरक्षण के लिए नियमित रूप से खेती के रोगों और कीटों से बचाना चाहिए। उचित फसल संरचना, जल संचयन और संयंत्रना प्रणाली की व्यवस्था करना चाहिए।
समय रहते पेठा को पकने देना चाहिए और उचित मात्रा में उगाने चाहिए। सामरिक तथ्यों, खेती तकनीकों और स्थानीय उपयोग के अनुसार उचित उपजाऊ जातियों का चयन करना चाहिए।
पेठा की खेती व्यापारिक रूप से भी अच्छे मुनाफे की स्रोत बन सकती है, क्योंकि पेठा की मांग खाद्य, मिठाई और अन्य उत्पादों में होती है।
पेठा कैसे बनता है | Petha kaise banta hai
Petha kisse banta hai – पेठा (कुम्हड़ा) कद्दू की प्रजाति से बनता है। यह एक उग्रवी फल है और इसका वैज्ञानिक नाम “Benincasa hispida” है। पेठा का पौधा पर्याप्त मात्रा में जल और खाद्य सामग्री के साथ उगाया जाता है। पेठे का फल हल्के हरे रंग का होता है और गोलाकार होता है। इसमें ऊपरी सफेद परत होती है जिसे छिलका कहा जाता है। पेठे का मधुर स्वाद और गुदवान तनिक्ता होती है जिसे खाद्य उपयोग और मिठाई के रूप में उपयोग किया जाता है पेठा (कुम्हड़ा) बनाने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है
प्रारंभिक तैयारी – पेठे के लिए, पहले पेठा फल को चुना जाता है, जिसे पर्याप्त पकाव और अच्छी गुणवत्ता वाला माना जाता है। अच्छे रंग, साइज और परिपक्वता वाले फलों का चयन किया जाता है।
छिलका उतारना – पेठे के फल की ऊपरी सफेद रंग की परत को हटा दिया जाता है। इसके लिए, फल को ध्यान से छिलका उतारा जाता है ताकि सफेद भाग निकल जाए।
कटाई और साफ़-सफाई – छीले हुए फल को बारीकी से काटा जाता है और फिर उसे बड़े टुकड़ों में काट लिया जाता है। यह टुकड़े पेठे की आकार और रुख के अनुसार होते हैं।
शोधन – बड़े टुकड़े को ताजगी के साथ पानी में धोया जाता है ताकि किसी भी अवशेषों या कीटाणुओं को हटाया जा सके।
पकाना – शोधित टुकड़ों को उबालकर पकाया जाता है। यह उबालने के लिए पानी और चीनी का मिश्रण उपयोग किया जाता है। टुकड़े को मध्यम आंच पर पकाया जाता है ताकि वे आवश्यक माधक तत्वों को अच्छी तरह से अवशोषित कर सकें और एक मिठास वाली तरल पदार्थ बन सकें।
सुखाना – पके हुए पेठे को उबालकर ताजगी के साथ चीनी में रखा जाता है ताकि वह सुख सके और चीनी आंकुरण कर सके। इसके बाद, पेठा फल मिठास और तरलता से भरा होता है।
सुखाने के बाद, पेठे को चीनी या दूसरे मिश्रणों से अवगाहित करके उपयोग के लिए तैयार किया जाता है, जैसे कि मिठाई के रूप में या अन्य खाद्य व्यंजनों के रूप में।
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पेठा बनाने का तरीका | Petha banane ka tarika
कुम्हड़ा (Kumhada), जिसे पेठा (Petha) या कूष्माण्ड भी कहा जाता है, इसे सब्जी और मिठाई के रूप में खाया जाता है यह फल भारत सहित दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी एशिया में अधिकांशतः उगाया जाता है. भारत में इस फल से एक प्रमुख मिठाई बनाई जाती है, जिसे पेठा मिठाई कहा जाता है। इसे अंग्रेजी में “एश गार्ड” (Ash gourd) के नाम से भी जाना जाता है आइये जानते है इसकी विधि के बारे में ।
पेठा बनाने की सामग्री
- पेठा – 1 किलो
- चीनी – 500 ग्राम
- पानी – 4 कप
- केसर – 1 चम्मच (सूखी केसर को पानी में भिगोएं)
- केवड़ा एसेंस – 1 चम्मच
पेठा बनाने की विधि
- पेठा की तैयारी – ताजी और पकी हुई पेठा (कुम्हड़ा) का छिलका उतारें और उसे छोटे टुकड़ों में काट लें। उन टुकड़ों को बीज निकाल दें और अच्छे से गोद लें फिर गोदे हुए पेठे के टुकड़ों को चूने वाले पानी में 6 से 7 घंटों के लिये भिगो कर रख दीजिये।
- पेठा साफ करे – तय समय के बाद पेठे के टुकड़ों को चूने के पानी से निकाल कर साफ़ पानी से अच्छी तरह से धो लीजिये। (ध्यान रहे पेठे के टुकड़ों में चूने का असर बिलकुल भी न रहे।)
- चाशनी बनाएं – अब एक भगोने में लगभग 700 ग्राम चीनी और 800 ग्राम पानी ले कर चासनी तैयार करिये और चासनी में केवड़ा एसेंस को डाल कर 10 मिनट तक पकाएं अब पकती हुई चाशनी में पेठा के टुकड़े को डाल कर बीच-बीच में चलाते हुए पकने दीजिये फिर टूथपिक की सहायता से यह चैक कीजिये कि पैठा ठीक से पक गया है या नही। लगभग 8-10 मिनट के बाद पेठा पारदर्शी दिखाई देने लगता है।
- लीजिये तैयार हो गया आपका रस वाला पेठा, पेठे को चासनी में से निकाल कर केसर की पत्तियों से गार्निश करके सर्व कीजिये।
यहीं एक सरल पेठा बनाने की विधि है, जिसका आप उपयोग करके आसानी से पेठा बना सकते हैं। यह एक प्रसन्नतापूर्वक मिठाई है जिसे आप परिवार और मित्रों के साथ बाँट सकते हैं।
आगरा का पेठा कैसे बनता है | Agra ka petha kaise banta hai
आगरे का पेठा किस चीज से बनता है – आगरे का पेठा आमतौर पर कद्दू (कुम्हड़ा) से बनता है। पेठा का उत्पादन आगरे, उत्तर प्रदेश, भारत में प्रमुखता से किया जाता है। यहां पर्याप्त मात्रा में कद्दू पौधे की खेती की जाती है और उसके बाद पके हुए कद्दू को पेठा बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। पेठे के बनावटीकरण प्रक्रिया में कद्दू को छिलके से अलग किया जाता है, उसके टुकड़ों में काटा जाता है, और फिर उन टुकड़ों को उबालकर चीनी और पानी के साथ पकाया जाता है। इस रूप में कद्दू से बना गया पेठा तैयार होता है और यह खाद्य उपयोग और मिठाई के रूप में उपयोग होता है।
कद्दू का पेठा कैसे बनाएं
हर साल रक्षाबंधन पर हम बहुत सारी अनेक प्रकार की मिठाईया बनाते है और अब जल्द ही रक्षाबंधन आने वाला भी है तो मैं आपको उस खास दिनों के लिए आगरा का पेठा बनाने की एक आसान रेसिपी बता सकते है। पेठा एक मशहूर मिठाई है जिसे आप घर पर बना सकते हैं इतना ही नहीं आप इसे कभी भी बना सकते है और स्टोर कर के रख सकते है इसके लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी साथ ही इसे बनाने के बारे में बताते है जो की नहुत आसान है।
कद्दू का पेठा बनाने की सामग्री
- पेठा कद्दू – 500 ग्राम
- खाने वाला चुना – 1 चम्मच
- चीनी – 200 ग्राम
- केवरा एसेन्स – 5-6 बून्द
कद्दू का पेठा बनाने की विधि | Kaddu ka petha banane ki vidhi
- सबसे पहले एक कद्दू चुनें जो पेठा बनाने के लिए उपयुक्त हो। यह एक मोटा, हल्के हरे रंग का और उच्च गुदवान तनिक्ता वाला हो सकता है कद्दू को ध्यान से धो लें और उसकी छिलका हटा दें उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और बीज निकाल दें फिर काटे या टूथ पिक से उसमे पूरा छेद कर दे।
- फिर एक बर्तन में 2-3 कप पानी ले और उसमे खाने वाले चुने को डाल दे, और उसे अच्छे से पानी में मिला दे और उसमे पेठे के टुकड़े को डाल दे और उसे 5-6 घंटे के लिए छोड़ दे।
- फिर उसे चुने के पानी से निकाल ले और चार से पांच बार उसे पानी से धो ले, ताकि उसमे से चुना पूरी तरह से निकल जाए।
- अब एक बड़े पतीले में पानी लें और उसे उबालें। जब पानी उबाल आए, तब उसमें कद्दू के टुकड़े डालें और इन्हें मध्यम आंच पर पकाएँ। कद्दू टुकड़े मुलायम होने और प्राकृतिक रंग खो जाने तक पकाएँ।
- इस बीच, अलग एक बर्तन में पानी को गरम करें और उसमें चीनी डालें। चीनी को पानी में अच्छी तरह से घुलाएं ताकि एक होमोजीन सिरप तैयार हो जाए।
- पके हुए कद्दू के टुकड़े को निकालें और उन्हें स्थानांतरित करें। चीनी सिरप को अच्छी तरह से मिक्स करें ताकि सभी टुकड़े इसे अच्छे से आवृत्त करें।
- पेठा को अपने माध्यमिक रंग और मधुर स्वाद तक सुखा लें। इसके लिए उसे धूप में या एक शुष्क वेंटिलेटेड स्थान पर रखें। इसे कुछ दिनों तक सुखाने दें, ताकि पेठा सख्त और ठोस हो जाए।
इस रूप में, आप कद्दू से बना पेठा तैयार कर सकते हैं। इसे अपनी पसंद के अनुसार काटकर, ताजगी से सर्व करें और मिठाई के रूप में उपभोग करें।
पेठा और कद्दू में अंतर
पेठा (कुम्हड़ा) और कद्दू में अंतर है। पेठा एक थोड़ा छोटा सफेद रंग का फल होता है जबकि कद्दू बड़े और गहरे नारंगी रंग का होता है। पेठे के कच्चे फल से सब्जी बनाई जाती है और पके हुए फल से हलवा और पेठा मिठाई (मुरब्बा) बनाई जाती है। इसका लैटिन नाम बेनिनकासा हिस्पिडा (Benincasa hispida) है।
लौकी का पेठा कैसे बनाएं | Lauki ka petha kaise banta hai
सूखा पेठा एक प्रकार की मिठाई है जो पेठा (लौकी) को उबालकर और चीनी से साझा करके बनाई जाती है। इसे धूप में या धीमी आंच पर सुखाया जाता है, जिससे इसकी बाहरी परत सुख जाती है और मिठास बनी रहती है। सूखा पेठा हल्के और खस्ता बनता है और इसकी खारी मटकी जैसी बनावट होती है।
सूखे पेठे का स्वाद मिठास और गुदगुदाहट के साथ होता है। यह एक प्रसिद्ध उत्तर भारतीय मिठाई है और लखनऊ के पेठे की प्रमुख विशेषता है। सूखे पेठे को अक्सर विशेष अवसरों और उत्सवों पर परिवार और दोस्तों के साथ बांटा जाता है।
सूखे पेठे की विधि ऊपरी उत्तर में विस्तार से बताई गई है। इस विधि का पालन करके आप सूखे पेठे को घर पर आसानी से बना सकते हैं और इसका आनंद ले सकते हैं।
लौकी का पेठा बनाने की सामग्री
- चूना – ½ टी स्पून
- चीनी – 1½ कप
- इलायची – 3 फली
- केसर – 2 धागे
केवड़ा पानी – 1 टी स्पून
लौकी का पेठा बनाने की विधि | सूखा पेठा बनाने की विधि | | Sukha ka petha banane ki vidhi
- एक ताजी और पकी हुई लौकी चुनें। यह एक मोटा और गुदवान तनिक्ता वाली हो सकती है। लौकी को ध्यान से धो लें और उसकी छिलका हटा दें। उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और बीज निकाल दें और एक टूथ पिक से उसमे पूरा छेद कर दे।
- फिर एक बर्तन में 2-3 कप पानी ले और उसमे खाने वाले चुने को डाल दे, और उसे अच्छे से पानी में मिला दे और उसमे पेठे के टुकड़े को डाल दे और हर 3 घंटे के बीच में मिलाते रहें 24 घंटे के लिए भिगोएं 24 घंटों के बाद, राख लौकी टुकड़े सफेद और दृढ़ हो गए हैं।
- फिर उसे चुने के पानी से निकाल ले और चार से पांच बार उसे पानी से धो ले, ताकि उसमे से चुना पूरी तरह से निकल जाए।
- एक पतीले में पानी लें और उसे उबालें। जब पानी उबाल आए, तब उसमें लौकी के टुकड़े डालें और उन्हें मध्यम आंच पर पकाएँ। लौकी को टुकड़ों के मुलायम होने और अपना रंग खो जाने तक पकाएँ।
- एक अलग बर्तन में पानी को गरम करें और उसमें चीनी डालें। चीनी को पानी में अच्छी तरह से घुलाएं ताकि एक होमोजीन सिरप बन जाए।
- लौकी के टुकड़े को निकालें और उन्हें स्थानांतरित करें। चीनी सिरप को उच्च आंच पर पकाएं और उसमें लौकी के टुकड़े डालें। अच्छी तरह से मिश्रण करें ताकि पेठा के सभी टुकड़े चीनी सिरप से आवृत्त हो जाएं।
- पेठा को अपने मध्यमिक रंग और मधुर स्वाद तक सुखा लें। इसके लिए उसे धूप में या एक शुष्क वेंटिलेटेड स्थान पर रखें। इसे कुछ दिनों तक सुखाने दें, ताकि पेठा सख्त और ठोस हो जाए।
इस रूप में, आप लौकी से पेठा तैयार कर सकते हैं। इसे अपनी पसंद के अनुसार काटें, ताजगी से सर्व करें और मिठाई के रूप में उपभोग करें।
पेठा फल कहां मिलता है
पेठा (कुम्हड़ा) फल का प्राथमिक उत्पादन भारत में होता है। यह खेती भारत के विभिन्न भागों में की जाती है, जैसे कि उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और अन्य राज्यों में।
पेठा फल विशेष रूप से गर्म और उम्बरके जलवायु क्षेत्रों में पैदा होता है। इसे मुख्य रूप से गर्मी के मौसम में उगाया जाता है।
अगर आप पेठा फल खरीदना चाहते हैं, तो आप बाजारों, सब्जी मंडीयों और खाद्य उत्पाद दुकानों में उपलब्धता की जांच कर सकते हैं। भारत में पेठा फल की आपूर्ति आमतौर पर स्थानीय बाजारों में उपलब्ध होती है।
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पेठे का व्यापार
पेठा (कुम्हड़ा) का व्यापार भारत के विभिन्न हिस्सों में व्यापक रूप से किया जाता है, लेकिन इसका मुख्य केंद्र उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। निम्नलिखित क्षेत्रों में पेठा का व्यापार अधिक होता है:
आगरा – आगरा उत्तर प्रदेश राज्य के लिए पेठा की प्रमुख व्यापारिक केंद्र है। यहां पेठे की प्रसिद्ध मिठाई बनाई और विभिन्न प्रकार के पेठे बाजार में व्याप्त होते हैं।
मथुरा-वृंदावन – मथुरा-वृंदावन भी उत्तर प्रदेश में पेठा के व्यापारिक केंद्रों में से एक है। यहां पेठे की मिठाई विशेष रूप से जन्माष्टमी और होली जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों पर प्रस्तुत की जाती है।
दिल्ली – दिल्ली एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है जहां पेठा की मिठाई व्यापारिक रूप से बड़ी मात्रा में उपलब्ध होती है। यहां पेठे की मिठाई का व्यापार दरबार और खाद्य उत्पादों के दुकानों में किया जाता है।
वाराणसी – वाराणसी (काशी) उत्तर प्रदेश में पेठा के व्यापार का एक अन्य महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां पेठे की मिठाई और अन्य पेठे के उत्पादों को व्यापारिक रूप से विक्रय किया जाता है।
लखनऊ – लखनऊ भी पेठा (कुम्हड़ा) के व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र है। लखनऊ उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है और यहां पेठे की मिठाई का उत्पादन और व्यापार बहुत प्रसिद्ध है।
महाराष्ट्र – पेठा का व्यापार महाराष्ट्र राज्य में भी प्रमुख रूप से होता है। यहां पेठे की मिठाई बनाई जाती है और यहां पेठे के विभिन्न प्रकार के विक्रेता और दुकानों में व्याप्त होते हैं।
गुजरात – गुजरात राज्य में भी पेठा का व्यापार प्रचलित है। यहां पेठे की मिठाई प्रसिद्ध है और यहां पेठे के निर्माता और विक्रेता व्यापारिक गतिविधियों में शामिल होते हैं।
राजस्थान – राजस्थान राज्य में भी पेठा का व्यापार महत्वपूर्ण है। यहां पेठे की मिठाई उद्योग में व्यापारिक गतिविधियाँ होती हैं और यहां विभिन्न पेठे के उत्पाद उपलब्ध होते हैं।
पश्चिम बंगाल – पश्चिम बंगाल राज्य में भी पेठा का व्यापार प्रमुखता से होता है। यहां पेठा की मिठाई लोकप्रिय है और यहां पेठे के निर्माता और विक्रेता व्यापारिक गतिविधियों में सक्रिय होते हैं।
इसके अलावा, अन्य शहरों और राज्यों में भी पेठा का व्यापार होता है, जहां यह खाद्य उत्पाद और मिठाई के रूप में प्रयुक्त होता है।
पेठा से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल
कुष्मांड (के अन्य नाम पेठा, भतुआ, कोंहड़ा, कुम्हड़ा आदि) एक फल है जिसका वैज्ञानिक नाम ‘बेनिंकेसा हिस्पिडा’ (Benincasa hispida) है। यह एक पुरानी उत्पादित फली है जो उच्च गर्मी क्षेत्रों में पाई जाती है। कुष्मांड फल की संरचना दिखाई देती है जो पेठ और बीजों से मिलकर बनी होती है। यह फल खाद्य और पौधों के लिए उपयोगी होता है। इसका प्रयोग अधिकतर शाकाहारी व्यंजनों और मिठाइयों में होता है। कुष्मांड के फल को ताजे या सूखे रूप में उपयोग किया जा सकता है।
पेठा फल एक बड़ा, गोल और हरे रंग का होता है। इसकी बाहरी परत मोटी होती है और अंदर सफेद, जूसी और बहुत ही क्रिस्टलीन दिखती है जिसे कुम्हड़ा (Kumhada) भी कहते है।
पेठा और कद्दू दोनों एक प्रकार की मिठाई हैं, लेकिन इनके बीच कुछ अंतर हैं।
पेठा – पेठा एक प्रसिद्ध भारतीय मिठाई है जो प्रायः उत्तर प्रदेश राज्य के लखनऊ शहर से जुड़ी हुई है। यह मिठाई उत्तरी भारत में विशेष रूप से लोकप्रिय है। पेठा गाजर के बराबर समान दिखता है और इसे खट्टे मीठे रस के साथ बनाया जाता है। पेठा को अमलतास (खजूर के पौधे) के पत्तों के रस से बनाया जाता है और इसे चीनी और सूर्जी से आकार दिया जाता है।
कद्दू – कद्दू भी एक प्रसिद्ध भारतीय मिठाई है, लेकिन इसे उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य भारतीय राज्यों में भी खाया जाता है। कद्दू मिठाई आकार में छोटा और गोल होता है और यह चीनी, खोपरे और कद्दू के बीजों से बनाया जाता है। कद्दू एक मजबूत और खारा मिठाई होती है, जिसे बाद में एक लच्छेदार परत से ढंका जाता है।
पेठा उत्तर प्रदेश राज्य की प्रमुख मशहूर मिठाई है। विशेष रूप से यह लखनऊ शहर से जुड़ी हुई है। पेठा लखनऊ के प्रमुख पेठा बाजारों में खासा प्रसिद्ध है और लोग यहां से पेठा खरीदने आते हैं। पेठा को खट्टे-मीठे रस के साथ बनाया जाता है और यह लंबे चीरों में कटा होता है। यह एक प्रमुख उत्पाद है जो लखनऊ के पर्यटन और स्थानीय खाद्य सामग्री का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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