इस आर्टिकल में ब्राउनटॉप मिलेट क्या है (Browntop millet in hindi), ब्राउनटॉप मिलेट का उपयोग, इसके फायदे और नुकसान एवं इसके Nutritional value के बारे में बताया गया है
Browntop Millet दुनिया भर में अनेक प्रकार के Millet में से एक है। इस अनाज का ऊपरी भाग भूरे रंग का होता है जिसके कारण इसे Browntop Millet नाम से जाना जाता है। यह अनाज न ज्यादा गर्म न ज्यादा ठंडे वातावरण के लिए उपयुक्त होता है।
इसकी बुआई के बाद कम से कम 85 से 90 दिनों की अवधि तक इसकी परिपक्वता पूरी होती है और इसकी कटाई अधिकतर अगस्त महीने में की जाती है। इसकी खेती में बहुत ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि इसकी बुआई और कटाई से जुड़ी मेहनत सीमित होती है।
Browntop Millet एक बहुत ही लाभदायक अनाज है जो कई गुणों से भरपूर है। इसमें विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की अधिक मात्रा होती है। इसका इस्तेमाल भोजन और पशुओं के चारे के रूप में भी किया जाता है।
इसके अलावा, Browntop Millet एक स्वस्थ विकल्प होता है जो कम लागत वाले कृषि उत्पादों की खेती करने वाले किसानों के लिए उपयुक्त होता है। इसकी खेती से लाभ कमाया जा सकता है नीचे हम Browntop Millet के बारे में विस्तार से जानेगे ।
Contents
- 1 ब्राउनटॉप मिलेट का इतिहास | History of Browntop Millet in hindi
- 2 ब्राउनटॉप मिलेट क्या है | Brown top millet kya hai
- 3 ब्राउनटॉप मिलेट का वैज्ञानिक एवं विभिन्न भाषाओं में नाम | Bown top millet scientific name
- 4 ब्राउनटॉप मिलेट के उपयोग | Brown top millet uses in hindi
- 5 ब्राउनटॉप मिलेट को कैसे खाये
- 6 छोटी कंगनी की पोषण मूल्य की जानकारी |Brown top millet nutritional value per 100g
- 7 छोटी कंगनी खाने के फायदे और नुकसान | Brown top millet ke fayde or nuksan
- 8 (Browntop Millet) छोटी कंगनी से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल
ब्राउनटॉप मिलेट का इतिहास | History of Browntop Millet in hindi
यदि आप जानना चाहते हैं कि कैसे हमारे पूर्वजों ने ब्राउनटॉप मिलेट्स को खाया था और इसकी प्राचीनता का पता कैसे लगाया गया तो आपको पृथ्वी के आदिम युग में जाना होगा। उस समय पूरे विश्व में जंगलों और पेड़-पौधों से घिरे इलाकों में लोग रहते थे। वे जंगलों में जाकर फल, फूल और बीजों का संग्रह करते थे। इसके अलावा, वे जंगली जानवरों का शिकार करके अपना भोजन प्राप्त करते थे।
ब्राउनटॉप मिलेट्स की प्राचीनता को लेकर विशेषज्ञों ने अध्ययन किया है और इसे 4000 साल पूर्व पश्चिमी अफ्रीका के देशों में मिला हैं, जिससे यह पता चलता है कि इस फसल को हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले से ही खाया था। ब्राउनटॉप मिलेट्स में कुछ खास विशेषताएं होती हैं जैसे कि इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन और विटामिन होते हैं जो इसे एक पूर्ण आहार बनाते हैं।
आज के समय में, ब्राउनटॉप मिलेट्स बहुत लोकप्रिय हो गई है और इसे बाकी सभी माइनर मिलेट्स के साथ एक स्वस्थ खाद्यक आहार माना जाता है। ब्राउनटॉप मिलेट्स को विभिन्न रूपों में उपयोग किया जाता है, जैसे कि आटे के रूप में, दलिया के रूप में, पुडिंग के रूप में और बहुत से अन्य तरीकों में। ब्राउनटॉप मिलेट्स के अलावा, अन्य माइनर मिलेट्स जैसे कि रागी, जोवर, बाजरा, कुट्टू आदि भी बहुत पौष्टिक होते हैं और उन्हें भी स्वस्थ आहार के रूप में उपयोग किया जाता है
इसका सेवन वेजेटेरियन और वेगन आहार के लोगों के बीच भी लोकप्रिय है। इसके अलावा, ब्राउनटॉप मिलेट्स को स्वस्थ विकास का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है, क्योंकि इसमें कुछ खास गुण होते हैं जैसे कि उच्च प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और अमीनो एसिड होते हैं। चारा घास फसल के सेवन से शरीर को एक स्वस्थ और पूर्ण आहार मिलता है जो उसे सक्रिय और ऊर्जावान बनाता है।
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ब्राउनटॉप मिलेट क्या है | Brown top millet kya hai
ब्राउनटॉप मिलेट्स को पौराणिक अनाज के रूप में भी जाना जाता है। इसे सकारात्मक अनाज (Positive grain) की श्रेणी में भी शामिल किया जाता है, क्योंकि इसका उपयोग पूर्वजों द्वारा किया जाता था। वास्तव में, ब्राउनटॉप मिलेट्स गर्म मौसम की वार्षिक भूसी युक्त चारा घास फसल होती है। यह फसल उच्च गुणवत्ता वाले चारे का उत्पादन करती है और उत्तम गुणवत्ता वाले भोजन की भी विविधता प्रदान करती है।
इस अनाज की खेती भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, मलावी, म्यांमार, नेपाल, साउथ अफ्रीका, यमन और जिंबाब्वे जैसे कई देशों में की जाती है। यह खेती भारत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे गर्म इलाकों में की जाती है। इसकी खेती के लिए उच्च तापमान आवश्यक होता है और इसलिए शीतकालीन प्रदेशों में इसकी खेती नहीं की जा सकती है।
ब्राउनटॉप मिलेट का वैज्ञानिक एवं विभिन्न भाषाओं में नाम | Bown top millet scientific name
Browntop Millet का वर्गीकरण अनाज के घास परिवार (Poaceae) में होता है। यह एक घास की फसल होती है जो उष्णकटिबंधीय और खरपतवार जलवायु के लिए उपयुक्त होती है।
भारत में ब्राउनटॉप मिलेट को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि हिंदी में “छोटी कंगनी” (Choti Kangni)। इसका वैज्ञानिक नाम *Brachiaria ramosa है और इसे तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटका जैसे राज्यों में पलापुल (Palapul), कोराले (Korale), अंडकोरा (Andakorra) जैसे नामों से भी जाना जाता है। इसे अन्य भारतीय राज्यों में भी विभिन्न नामों से जाना जाता है।
भारत के अलग-अलग राज्यों में Browntop Millet को नीचे बताए गए इन नामों से जाना जाता है (Browntop Millet in Hindi)
- Tamil: पालापुल (Palapul)
- Kannada: कोरेल (Korale)
- Telugu: अंदकोरा (Andakorra)
- Bown top millet in Hindi: छोटी कगनी (Choti Kangni)
- Punjabi: हरी कंग (Hari Kang)
- Nepali: बांसपाते (Banspate)
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ब्राउनटॉप मिलेट के उपयोग | Brown top millet uses in hindi
ब्राउनटॉप मिलेट का उपयोग करने से पहले, इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को जानना आवश्यक होता है। इस मिलेट में लगभग 13% फाइबर होता है, जो मिलेट की श्रेणी में सबसे उच्च मात्रा में होता है। इसलिए, इसे उपयोग करने से पहले, आपको इसे 8 से 10 घंटे तक पानी में भिगोकर रखना चाहिए। यदि आप सुबह नाश्ते के दौरान इसे खाना चाहते हैं तो रात को ही इसे भिगोकर रखें, ताकि इसका फाइबर नरम हो जाए और यह अपना काम अच्छी तरह से कर सके।
जब भी आप किसी मिलेट का उपयोग करते हैं, चाहे वह लिटिल मिलेट हो, कोदो मिलेट हो या कोई अन्य मिलेट हो, तो आप इन्हें एक साथ मिश्रित नहीं करना चाहिए। आपको एक ही प्रकार के मिलेट को एक साथ उपभोग करना चाहिए। यदि आप किसी एक मिलेट को नाश्ते के तौर पर उपयोग कर रहे हैं, तो आपको दूसरे किसी भी मिलेट का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे आपका खाना बहुत अधिक उपयोगी होगा और आपको अधिक स्वस्थ फायदे है।
ब्राउनटॉप मिलेट अन्य मिलेट से थोड़ा अलग होता है। इसमें ज्यादा प्रोटीन और फाइबर होते हैं, जो इसे बेहतर विकल्प बनाते हैं। इसमें उच्च मात्रा में विटामिन ए और सी, फोस्फोरस, फोलिक एसिड और मैग्नीशियम भी होता है। इसलिए, इसे सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है।
ब्राउनटॉप मिलेट को भिगोकर रखने के फायदे हैं कि इससे इसकी टेक्सचर को मुलायम बनाने में मदद मिलती है, जिससे इसे खाने में आसानी होती है और इसकी पाचन शक्ति भी बढ़ती है। इसे भिगोकर रखने से उसमें मौजूद एंजाइम भी अधिक सक्रिय होते हैं, जो उसमें मौजूद कई पोषक तत्वों को जल्दी से अवशोषित करने में मदद करते हैं इसलिए, ब्राउनटॉप मिलेट को एक साथ मिश्रित नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आपके शरीर को पोषण की अधिक मात्रा नहीं मिलती है और आप उससे पूरे फायदे नहीं उठा पाते हैं।
ब्राउनटॉप मिलेट को कैसे खाये
ब्राउनटॉप मिलेट को भिगोए बिना खाने से पहले धोएं। फिर इसे पानी में भिगोने के बाद चूल्हे पर उबालकर बनाएं। इसे आप तलकर, पकाकर या उबालकर भी खा सकते हैं। आप इसे दाल-चावल की तरह स्वादिष्ट तरीके से खा सकते हैं। इसे साथ में सब्जियों और दाल के साथ मिलाकर खाया जा सकता है।
- ब्राउनटॉप मिलेट के अन्य स्वादिष्ट विकल्प हैं, जैसे कि परांठे, उपमा, पोहा और दही-वड़ा। आप इसे दही के साथ भी सर्विंग कर सकते हैं।
- ब्राउनटॉप मिलेट का उपयोग बेकिंग में भी किया जाता है। इससे ब्रेड, कुकीज और केक जैसी चीजें बनाई जा सकती हैं।
अंत में, आप ब्राउनटॉप मिलेट को अपनी पसंद के अनुसार खा सकते हैं। इसकी सर्विंग करने से पहले, इसे ध्यान से खुशबूदार बनाएं और उसे स्वादिष्ट तरीके से पकाकर परोसें।
छोटी कंगनी की पोषण मूल्य की जानकारी |Brown top millet nutritional value per 100g
यहां ब्राउनटॉप मिलेट के प्रति 100 ग्राम के पौष्टिक मूल्य की एक तालिका है
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
कैलोरी | 378 |
प्रोटीन | 11.6 ग्राम |
वसा | 4.3 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 72.8 ग्राम |
फाइबर | 8.3 ग्राम |
आयरन | 3.2 मि.ग्रा. |
कैल्शियम | 17 मि.ग्रा. |
विटामिन सी | 0 मि.ग्रा. |
विटामिन ए | 16 मि.ग्रा. |
विटामिन बी6 | 0.3 मि.ग्रा. |
विटामिन बी12 | 0 मि.ग्रा. |
मैग्नीशियम | 114 मि.ग्रा. |
फोस्फोरस | 285 मि.ग्रा. |
पोटैशियम | 195 मि.ग्रा. |
जिंक | 2.3 मि.ग्रा. |
कॉपर | 0.4 मि.ग्रा. |
मैंगनीज | 1.5 मि.ग्रा. |
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छोटी कंगनी खाने के फायदे और नुकसान | Brown top millet ke fayde or nuksan
ब्राउन टॉप मिलेट एक पौष्टिक अनाज है, जो आपके शरीर के लिए बहुत सारे फायदेमंद होते हैं। यह आपको ऊर्जा प्रदान करता है और कई बीमारियों को ठीक करता है, जैसे कि पाचन संबंधित शिकायत वाले व्यक्तियों और शुगर डायबिटीज जैसे रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है
ब्राउन टॉप मिलेट में उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो आपकी पाचन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके अलावा, यह भी उच्च मात्रा में प्रोटीन और विटामिन B का स्रोत होता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
हालांकि, ब्राउन टॉप मिलेट का अत्यधिक सेवन भी कुछ नुकसान कर सकता है। इसके सेवन से आपकी पाचन प्रणाली पर दबाव पड़ सकता है और आपके शरीर में गैस और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है।
इसके अलावा, ब्राउन टॉप मिलेट में फाइटिक एसिड होता है जो अधिक मात्रा में सेवन करने से आपके शरीर के खनिजों को अवशोषित कर सकता है इस लिए इसका नियमित रूप से और अत्यधिक मात्रा में सेवन न करे नीचे ब्राउन टॉप मिलेट के सेवन से क्या क्या फायदे और क्या क्या नुकसान होते है इसके बारे में बतायेगे –
छोटी कंगनी खाने के फायदे | Brown top millet ke fayde | Brown top millet benefits in hindi
Benefits of brown top millet in hindi – ब्राउन टॉप मिलेट एक अत्यंत पौष्टिक अनाज है, जो अमीनो एसिड के साथ उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, मिनरल्स, फॉस्फोरस और वाइटल विटामिंस जैसे विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B3 का एक बहुत अच्छा स्रोत है। Millet में उपलब्ध फाइबर की मात्रा अन्य अनाजों से अधिक होती है –
- ब्राउन टॉप मिलेट ग्लूटेन-फ्री होता है, जो अन्य अनाजों से भिन्न होता है। इससे आप ग्लूटेन संबंधित समस्याओं से बच सकते हैं जो व्यक्ति के शारीर के लिए बहुत हानिकारक हो सकते हैं।
- ब्राउन टॉप मिलेट में फाइबर की अधिक मात्रा होती है जो आपके शारीर को पाचन शक्ति देती है और कब्ज से राहत मिलती है।
- यह शरीर के लिए उत्तम पोषक तत्वों से भरपूर होता है जैसे कि प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज।
- ब्राउन टॉप मिलेट आपको ऊर्जा प्रदान करता है जो आपको दिन के दौरान ताकत देती है।
- इस अनाज में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स और अन्य विटामिन्स भी होते हैं, जो आपके शारीर के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होते हैं।
- ब्राउन टॉप मिलेट में कम वसा और कॉलेस्ट्रॉल होता है जो आपके हृदय स्वस्थ रखता है।
गर्भावस्था के दौरान ब्राउन टॉप मिलेट के फायदे | Brown top millet during pregnancy
गर्भावस्था के दौरान ब्राउन टॉप बाजरा एक बहुत ही पोषक तत्व से भरपूर अनाज है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसमें आयरन, एंटीऑक्सिडेंट, प्रोटीन, कैल्शियम, आहार फाइबर, पोटेशियम, मैग्नीशियम और फोलिक एसिड जैसे विभिन्न पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें लौह की अधिक मात्रा होती है जो गर्भावस्था के दौरान खून की कमी को दूर करने में मदद करती है।
शुगर में ब्राउन टॉप मिलेट के फायदे | Brown top millet for diabetes
ब्राउन टॉप बाजरा डायबिटीज के मरीजों के लिए एक अच्छा खाद्य पदार्थ हो सकता है। यह एक सुपरफूड है जो उच्च आहार फाइबर सामग्री का स्रोत है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसका मतलब है कि यह शर्करा के अवशोषण को धीमा करता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी होता है।
इसके अलावा, यह बाजरा आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फोस्फोरस, मैंगनीज, जस्ता और तांबा जैसे पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत होता है। इससे डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
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छोटी कंगनी खाने के नुकसान |Brown top millet ke nuksan | Brown top millet side effects in hindi
ब्राउनटॉप बाजरा एक पौष्टिक और स्वादिष्ट अनाज है, लेकिन इसे कम मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। अधिक मात्रा में खाने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। बाजरे का सेवन करने से पहले इसके कुछ सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
- बाजरे में उच्च फाइबर सामग्री होने के कारण, इसे अधिक मात्रा में खाने से पाचन प्रक्रिया में देरी हो सकती है और पाचन तंत्र को परेशान कर सकता है।
- बाजरे का अधिक सेवन थायरॉयड ग्रंथि के लिए नुकसानदायक हो सकता है और इससे थायरॉयड समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- ब्राउनटॉप बाजरा अधिक मात्रा में खाने से आंतों के विकार से पीड़ित लोगों को तकलीफ हो सकती है।
- बाजरे में अमीनो एसिड की उच्च सामग्री होने के कारण, इसका अधिक सेवन पाचन समस्याओं का कारण बन सकता है।
इसलिए, बाजरे का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है, खासकर अगर आपको थायरॉयड समस्याएं या आंतों समस्या हो।
(Browntop Millet) छोटी कंगनी से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल
ब्राउन टॉप एक प्रकार का बाजरा है जो उत्तर भारत में उगाया जाता है। यह एक पौष्टिक अनाज है जो फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है। यह ग्लूटेन फ्री भी होता है।
हाँ, ब्राउनटॉप बाजरा खा सकते हैं। यह एक स्वादिष्ट अनाज होता है जिसे भोजन के रूप में या फिर उससे बनी रोटी, ढोकला, इडली, चीला, उपमा आदि के रूप में खाया जा सकता है।
नहीं, प्रोसो बाजरा और ब्राउन टॉप बाजरा एक ही नहीं हैं। दोनों अलग-अलग प्रकार के बाजरे होते हैं। प्रोसो बाजरा उत्तर भारत में उगाया जाता है, जबकि ब्राउन टॉप बाजरा मध्य एवं दक्षिण भारत में उगाया जाता है।
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